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जी आई टैग क्या होता है

What is GI Tag   
GI  -  Geographical Indication
सामान्य रूप से भौगोलिक संकेत या Geographical  Indication का अर्थ निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में कृषि, प्राकृतिक या तैयार किए गए उत्पाद से है| किसी उत्पाद को GI TAG प्राप्त करने के लिए उसका संबंधित क्षेत्र में उत्पादन या निर्माण या प्रसंस्करण होना आवश्यक है| GI Tag us वस्तु को मिलता है जो वस्तु उस स्थान पर 10 वर्ष या उससे अधिक समय से उपलब्ध हो तथा उस वस्तु का जन्म स्थान भी वही हो ।
भौगोलिक संकेत या भौगोलिक नाम एक विलक्षणता प्रदान करता है और गुणवत्ता का आश्वासन देता है। पंजीकृत भारतीय भौगोलिक संकेतों के कुछ उदाहरण हैं – दार्जिलिंग-चाय, तिरुपति-लड्डू, कांगड़ा-पेंटिंग, नागपुर-संतरा, कश्मीर-पाश्मीना आदि।
और भी सरल शब्दों में समझें तो जीआई टैग या भौगोलिक संकेत एक प्रकार का मुहर है जो किसी भी उत्पाद के लिए प्रदान किया जाता है| इस मुहर के प्राप्त होने के जाने के बाद पूरी दुनिया में उस उत्पाद को महत्व प्राप्त हो जाता है साथ ही उस क्षेत्र को सामूहिक रूप से इसके उत्पादन का एकाधिकार प्राप्त हो जाता है| लेकिन इसके लिए शर्त है की उस उत्पाद का उत्पादन या प्रोसेसिंग उसी क्षेत्र में होना चाहिए जहाँ के लिए जी आई टैग (GI Tag) लिया जाना है|
भौगोलिक संकेत न केवल हमारी समृद्ध संस्कृति और सामूहिक बौद्धिक विरासत का हिस्सा हैं बल्कि हमारे किसानों, बुनकरों, दस्तकारों, हस्तशिल्पियों की आय के साधन भी है। भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप भौगोलिक संकेत का संवर्धन करना और इसकी सुरक्षा करना सरकार ने अपनी जिम्मेदारी समझी है।
भारत में सबसे पहलें 2004 में दार्जलिंग टी को GI Tag दिया गया| यहाँ यह वर्णन करना आवश्यक होगा की भौगोलिक संकेत का पंजीकरण 10 वर्षो तक के लिए ही होता है उसके बाद इसका नवीकरण करवाया जाना आवश्यक है अन्यथा यह समाप्त हो जाता है| 

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