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निराशा को कैसे दूर करें

निराशा हमारी सबसे बड़ी कमियों में से एक है जो व्यक्ति जितना जल्दी निराश होता है वह काम में भी उतना ही पीछे हो जाता है। जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है ऐसे में व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए धैर्य, साहस तथा आशाएं जैसे प्रमुख गुणों को अपनाना चाहिए।
  व्यक्ति को खासतौर पर निराशावादी नहीं होना चाहिए। कुछ लोगों की आदत होती है कि वह बहुत जल्द ही किसी काम के प्रति निराश हो जाते हैं इसका मुख्य कारण व्यक्ति में धैर्य की कमी हो जाने के कारण होता है। व्यक्ति में जितना ज्यादा धैर्य व साहस होगा व्यक्ति उतना ही निराशा से दूर होता जाएगा।
   निराशा का एक बड़ा कारण उसकी सोच भी हो सकती है क्योंकि हमारी छोटी सोच होने के कारण थोड़ी सी परेशानियों में हमारे कार्य करने के विकल्प खत्म हो जाते हैं ऐसे में हमें सोच का विस्तार करना चाहिए जिससे हमें उसी से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त हो सके तथा किसी कार्य को सही तरीके से कर सकें।
निर्णय लेने की शक्ति कैसे पैदा करें
    जब हम किसी काम को कर रहे होते हैं या करते हैं तो उस काम से जुड़ी पूरी जानकारी नए होने के कारण हमारे मन में निराशा पैदा हो जाती है क्योंकि जब हमें किसी काम के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं है तो हम उस कार्य को करेंगे कैसे हमारे पास उस कार्य को करने के सारे विकल्प बंद हो जाते हैं ऐसे में हम निराश होकर पीछे हट जाते हैं।
    धैर्य की कमी होने के कारण भी हम जल्द ही निराश हो जाते हैं। किसी काम के सही तरीके से नहीं होने के कारण तो हम निराश होते ही हैं परंतु कई बार ऐसा भी होता है कि किसी काम की होते हुए भी हम निराश हो जाते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम धैर्य नहीं रख पाते किसी कार्य को समय लग सकता है क्यों कुछ कार्य बहुत धीरे होते हैं ऐसे में हमें धैर्य रखना चाहिए। हम कार्य को जल्दी पूरा करना चाहते हैं इसलिए जल्दबाजी के कारण भी हम निराश हो जाते हैं किसी भी काम को उसके तरीके के अनुसार करना चाहिए जल्दबाजी करने से कोई काम जल्दी नहीं होता बल्कि कार्य को सही तरीके से करने से काम आगे बढ़ता है।
   कई बार ऐसा भी होता है कि हम कार्य को पूरा समय नहीं दे पाते ऐसे में हम कार्य को सही तरीके से नहीं कर पाते तथा कार्य को ही छोड़ देते हैं। हमें किसी भी कार्य को एक बार पूरा समय देना चाहिए जिसे उस कार्य का पूरा पता चल जाता है कि कार्य होगा या नहीं होगा। समय के अभाव में मैं किसी कार्य को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए समय निकालकर हमें उस कार्य को करना चाहिए।
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सकारात्मक सोच कैसे विकसित करें

   निराशा को दूर करने के उपाय
1. सबसे पहले तो हमें निराशा के विपरीत आशावादी होना चाहिए जिससे किसी कार्य को हम लंबे समय तक कर सकेंगे।
2. हम जिस कार्य को कर रहे होते हैं उस कार्य के बारे में हमें पूरी जानकारी होनी चाहिए जिससे संघर्ष के समय कार्य करने के विकल्प खत्म ना हो तथा उस कार्य को हम अलग-अलग तरीकों से कर सकेंगे।कार्य की जानकारी होगी तो हम कार्य को सही तरीके से कर सकेंगे।
3. धैर्य और साहस के गुणों को अपनाना चाहिए। धैर्य के कारण हम किसी भी कार्य को लंबे समय तक करते रहते हैं तथा जल्दी ही पीछे नहीं हटते। तथा साहस से हम किसी कार्य को जोश के साथ निरंतर आगे बढ़ाते रहते हैं
4. जिस कार्य को कर रहे होते हैं उस कार्य को हमें पूरा समय देना चाहिए समय के अभाव में कार्य को नहीं छोड़ना चाहिए। समय की कमी के कारण हम कार्य को कुछ समय के लिए रोक सकते हैं लेकिन छोड़ना नहीं चाहिए।
5. निराशा से बचने के लिए हमारे अन्दर आत्मविश्वास भी होना चाहिए। हमें ऐसा महसूस होना चाहिए की मैं इस कार्य को करूंगा या सही तरीके से कर सकता हूं। किसी भी कार्य को करने में आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है।
6. जिस कार्य को हम कर रहे होते हैं उस कार्य पर हमें लगातार नजर बनाए रखनी चाहिए ऐसा ना हो कि हम जिस कार्य को कर रहे होते हैं उस कार्य को छोड़कर किसी दूसरी कार्य में लग जाए। हमें अपने लक्ष्य को ध्यान में रखना चाहिए तथा उससे भटकना नहीं चाहिए।
7. हमें अपनी सोच को सकारात्मक रखनी चाहिए क्योंकि सकारात्मक सोच के साथ ही आगे बढ़ा जा सकता है। सकारात्मक सोच होगी तो हमारे अंदर विश्वास पैदा होगा जिससे हम कार्य को सहस्य के साथ कर सकेंगे।
8. हमें प्रसिद्ध तथा बड़े लोगों के जीवन के बारे में पढ़ना व सुनना चाहिए जिससे हमें यह सीख मिलती है की किस तरह उन्होंने  कड़े संघर्षों के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।
9. जिस कार्य को हम कर रहे होते हैं उस कार्य से संबंधित लोगों से हमें मिलना चाहिए था कार्य के बारे में उनके अनुभवों को जानना चाहिए। हमारे कार्य से संबंधित लोगों से हमें उस कार्य के बारे में जानकारी लेनी चाहिए।
10. सबसे बड़ा कार्य हम यही करें कि हमें निराश होना ही नहीं है चाहे हमें कुछ भी करना कितनी भी मेहनत करनी पड़े लेकिन हम उस कार्य को करके छोड़ेंगे।
    निराशा व्यक्ति को एक ऐसा रोग लग जाता है जो व्यक्ति को धीरे- धीरे कार्यस्थल से दूर ले जाता है तथा धीरे-धीरे कार्य के प्रति हमारी रुचि को खत्म कर देती है। निराशा हमें आलसी बनाती है तथा हमारी उर्जा खत्म कर देती है। इसलिए इस रोग से हमें जितना जल्द हो सके छुटकारा पा लेना चाहिए।

निराश न हो कार्य करो,
अच्छा सोचो आगे बढ़ो।



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