सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

इन तरीकों का उपयोग कर हम बना सकते हैं दीपावली 2020 को बेहतरीन

दिपावली की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

हिंदू धर्म में इस पर्व का बहुत महत्व है। राम के 14 वर्ष के बाद वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है। लोग बड़ी धूमधाम से इस पर्व को मनाते हैं। सभी लोग यही चाहते हैं की इस पर्व को अच्छे से अच्छा मनाया जाए। इसके लिए वह हर कोशिश करते हैं। यह एक खुशियों का त्योहार है यह एक मेल मिलाप का भी त्यौहार है।
Copyright:-unsplash

इन तरीकों का उपयोग कर आप दीपावली 2019 को बेहतरीन बना सकते हैं-
Copyright:-unsplash

1. इस दिन खुश रहे तथा चिंताओं को दूर रखें।
2. लोगों से मेल -भाव बताएं।
3. अच्छी-अच्छी घर की देसी मिठाई बनाएं।
4. छोटों को आशीर्वाद देवे तथा बड़ों से आशीर्वाद है लेवे।
Copyright:-unsplash
5. प्रदूषण कम से कम करें तथा स्वच्छता का ख्याल रखें।
6. पटाखों का उपयोग कम से कम करें हो सके तो न ही करें तो बेहतर है।
7. जीवन से संबंधित कोई भी एक अच्छे कार्य की शुरुआत करें।
8. घर तथा आसपास के स्थानों पर अच्छे तरीके से सफाई करें।
Copyright:-unsplash

    यह त्योहार खुशियों का त्यौहार है इस दिन हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। हमें प्रदूषण कम से कम करना चाहिए तथा करने वाले को भी रोकना चाहिए साफ सफाई का हमें पूरा ख्याल रखना चाहिए। साफ सफाई के बिना इस त्यौहार को बेहतर नहीं बनाया जा सकता तथा यदि हम पूरे तरीके से उत्साहित ही नहीं होंगे तो यह त्योहार मनाने का क्या फायदा। लड़ाई -झगड़ों से हमें दूर रहना चाहिए अक्सर देखा जाता है कि त्योहारों के मौके पर लड़ाई झगड़े बहुत होते हैं क्योंकि दूर-दूर से लोग या कमाने के लिए बाहर गए लोग सभी इस दिन अपने गांव या शहर आते हैं इस कारण पुराने तथा सभी लोग आपस में मिलते हैं जिससे कोई छोटी - मोटी बातों को लेकर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं या कोई बात है पहले की हुई होती है जिसे लेकर इस त्यौहार को खराब करने में लोगों को बड़ा मजा आता है।
Copyright:-unsplash
हमें इस पर्व पर अच्छी सी अच्छी तैयारी करनी चाहिए फालतू के विवादों तथा कार्यों से हमें बचना चाहिए। यह त्योहार खुशियों का त्योहार है इस दिन में खुशियां बांटने चाहिए तथा अन्य लोगों से लेनी चाहिए।
             घर पर रहिए सेफ रहिए।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सकारात्मक विचारों के फायदे

सोच एक ऐसी चीज है जिससे हम कुछ भी कर सकते हैं। अच्छा या बुरा करना सब विचारों का खेल है। विचारों से ही अपना जीवन चलता है बिना विचारों के हम कोई भी कार्य नहीं कर सकते। यदि हमारे दिमाग में कोई विचार ही नहीं है तो हम कोई कार्य कैसे करेंगे यह हम खुद समझ सकते हैं Copyright:-unsplash जैसे यदि हम किसी कार्य को करते हैं तो मन में ठान लेते हैं की मैं इस कार्य को कर के ही छोडूंगा साथ में ही हमारे दिमाग में सकारात्मक विचार होते हैं तो हमें उस कार्य के होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता यदि कार्य होता है तो हमारा विश्वास बढ़ता है और यदि हमारा कार्य नहीं भी होता है तो भी हमें कुछ खास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हमारे विचार सकारात्मक है इसलिए हमारा ध्यान सकारात्मक कार्य की तरफ ज्यादा रहता है नकारात्मक कार्यों से हम दूर ही रहते हैं। इतना आसान नहीं है विचारों को सकारात्मक बनाना लेकिन फिर भी नामुमकिन कुछ भी नहीं है। हम लगातार अच्छे विचारों को ध्यान में रखते हुए खुद को सकारात्मक बना सकते हैं। दुनिया में नामुमकिन कुछ नहीं होता केवल हमारा देखने का नजरिया अलग होता है।

निराशा को कैसे दूर करें

निराशा हमारी सबसे बड़ी कमियों में से एक है जो व्यक्ति जितना जल्दी निराश होता है वह काम में भी उतना ही पीछे हो जाता है। जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है ऐसे में व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए धैर्य, साहस तथा आशाएं जैसे प्रमुख गुणों को अपनाना चाहिए।   व्यक्ति को खासतौर पर निराशावादी नहीं होना चाहिए। कुछ लोगों की आदत होती है कि वह बहुत जल्द ही किसी काम के प्रति निराश हो जाते हैं इसका मुख्य कारण व्यक्ति में धैर्य की कमी हो जाने के कारण होता है। व्यक्ति में जितना ज्यादा धैर्य व साहस होगा व्यक्ति उतना ही निराशा से दूर होता जाएगा।    निराशा का एक बड़ा कारण उसकी सोच भी हो सकती है क्योंकि हमारी छोटी सोच होने के कारण थोड़ी सी परेशानियों में हमारे कार्य करने के विकल्प खत्म हो जाते हैं ऐसे में हमें सोच का विस्तार करना चाहिए जिससे हमें उसी से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त हो सके तथा किसी कार्य को सही तरीके से कर सकें। निर्णय लेने की शक्ति कैसे पैदा करें     जब हम किसी काम को कर रहे होते हैं या करते हैं तो उस काम से जुड़ी पूरी जानकारी नए होने के कारण हमारे मन में निराशा पैदा हो जाती है क्योंकि जब हमें कि

कबीर के दोहे (पार्ट -1)

कबीर जी एक महान कवि हुए । जिन्होंने अपने समय में बहुत सारी रचनाएं की और बहुत सारे छंद- दोहे  लिखे। जिनमे से मुख्य दोहे नीचे लिखे गए है - " बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।" "पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।" “कहैं कबीर देय तू, जब लग तेरी देह। देह खेह होय जायगी, कौन कहेगा देह।” “ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय। औरन को शीतल करै, आपौ शीतल होय।” “धर्म किये धन ना घटे, नदी न घट्ट नीर। अपनी आखों देखिले, यों कथि कहहिं कबीर।” Copy right:-google image "चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह । जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह ।" "गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाँय । बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय ।" "यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान । शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ।" "सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज । सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए ।" "बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर । पंथी को